Cherrapunji
चेरापूंजी जो संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है यह वह स्थान है जहाँ साल भर वर्षा होती और भारत वर्ष में सबसे ज्यादा वर्षा होती है चेरापूंजी (Cherrapunji), जिसका स्थानीय नाम सोहरा (Sohra) है, इसे चिर्रा के नाम से भी जाना जाता है भारत के मेघालय राज्य के पूर्व खासी हिल्स ज़िले में स्थित एक बस्ती है। चेरापूंजी , शिलांग से 53 किलोमीटर की दूरी पर 4869 फुट की उंचाई पर खासी हिल्स के दक्षिणी पठार पर स्थित है |यह स्थान दुनिया भर में मशहूर है। वर्तमान में इसका नाम चेरापूंजी से बदलकर सोहरा रख दिया गया है।
चेरापूंजी प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच से भरपूर है।यहाँ मावसामी झरने के पास खासी मोनोलिथ , रोमांचक गुफाओं और भूमिगत मार्ग र्भूलभुलैया है।यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा लाल पांडा, एशियाई हाथी आदि का रोमांचक अनुभव यादों में संयोज सकते हैं | यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा घुमने के लिए सुन्दर पार्क हैं ।
चेरापूंजी में पूरे साल बारिश होती है, इसलिए आपको यहाँ आने के लिए बहुत से मौसमी जानकारी से अवगत होना चाहिए | इस क्षेत्र में कई आकर्षक मनोहर झरने हैं और मानसून के समय झरनों की सुंदरता बढ़ जाती है |मानसून के दौरान यात्रा करना उचित नहीं है यहाँ पर्यटन का अच्छा समय गर्मियों के मौसम है गर्मियों के दौरान चेरापूंजी का मौसम पर्यटन के लिए और गर्मियों की छुट्टियों के लिए अनुकूल बना रहता है |
मावलिनॉन्ग विलेज (Mawlynnong Village)
मावलिनॉन्ग विलेज मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले का एक गाँव है। यह गांव चेरापूंजी से लगभग 22 किमी दूर स्थित स्वच्छ गाँव है | इसे डिस्कवरी इंडिया द्वारा 2003 में एशिया का दूसरा सबसे स्वच्छ गांव और 2005 में भारत का सबसे स्वच्छ गांव घोषित किया गया था, यह चेरापूंजी में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है। यहाँ बांस के बने कूड़ेदान में कचरे को एकत्र किया जाता है और फिर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ पालीथीन का उपयोग नहीं किया जाता है | यह बहुत ही मनोहर प्राकृतिक स्थाल है जो स्वर्ग जैसा अहसास कराता है
लाइव ब्रिज (live bridge)
चेरापूंजी लाइव ब्रिज के लिए विश्व प्रसिद्ध है जो यहाँ के स्थानीय लोगों के द्वारा बनाया गया है इस ब्रिज कि चौड़ाई और मजबूती इतनी है कि इस ब्रिज में एक बार में 50 लोग गुजर सकते हैं इनका निर्माण रबर के पेड़ों की जड़ो से किया जाता है क्योंकि यहाँ रबर के पेड़ बहुतायत पाया जाता है और ये काफी मजबूत और इनके जडें लम्बे होते हैं | लाइव ब्रिज की सहायता से नदि को पार करने में असानी होती है
उम्न्गोट नदी (Umngot River)
जिसे डॉकी नदी (Dawki River) के नाम से जाना जाता है, यह डॉकी बस्ती से होकर निकलती है । ये नदी भारत- बांग्लादेश सीमा के पास एशिया के सबसे स्वच्छ गांव मॉयलननोंग से गुजरती है यह नदी इतनी साफ है कि इसमें चलने वाली नाव एकदम साफ-साफ पानी के ऊपर तैरता हुआ दिखाई देता है. स्टोन्स को भी देखा जा सकता है. इस नदी का पानी इतना साफ और पारदर्शी है कि भीतर की एक एक चीज बेहद साफ दिखाई देती है.यह हमें प्राकृतिक वातावरण का एहसास दिलाती है
मौसमाई गुफा चेरापूंजी ( mawsmai cave)
मौसमाई गुफा चेरापूंजी से मात्र 6 किमी की दूरी पर स्थित एक लोकप्रिय स्थान है, मावसई गुफा मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ियों में गुफाओं की है। जब रोशनी चूना पत्थर से मिलती है तो अनगिनत रंग और प्रकाश से जगमगा उठती है | इस गुफा की लंबाई लगभग 150 मीटर है | मौसमाई गुफा चेरापूंजी के बेहतरीन पर्यटन स्थल है | यहाँ भीतरी भाग देखने के लिए आप को टार्च की आवश्यकता होगी |
डेन्थलेन वॉटरफॉल्स (Dainthlen waterfall)
डेन्थलेन फॉल्स मेघालय के खूबसूरत झरनों में से एक है, यह पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है। लगभग 90 मीटर की ऊंचाई से गिरती है जो घने जंगल की पहाड़ियों से होकर गुजरता है । डेन्थलेन फॉल्स में आप यहाँ स्नान, तैराकी, पिकनिक, ट्रेकिंग, फोटोग्राफी आदि का लुफ्त उठा सकते हैं
मावकडोक डिम्पर की घाटी ( mawkdok dympep valley)
इसे दुवान सिंग सियेम के नाम से भी जाना जाता है, यह घाटी पूर्वी खासी हिल्स जिले में चिरपुनजी के क्षेत्र के करीब स्थित है । यह पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है । वन विभाग ने इस घाटी में एक व्यू पाइंट बनाया है जहां से पर्यटक घाटी की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। यह घाटी ज्यादातर समय बादलों द्वारा ढका रहता है लेकिन इस परिस्थितियों में भी यह मनोरम लगता है । फोटोग्राफरों के लिए और पर्यटकों का यह स्वर्ग से कम नहीं ।
वकाबा फाल्स ( wakaba falls)
यह झरना चेरापूंजी से 15 किमी की दूरी पर स्थित है । इसकी ऊंचाई लगभग 170-190 मीटर है यह एक स्तरीय झरना है और यह अपने के चारों ओर आसपास के घाटी की शोभा बढ़ाता है यह पर्यटकों का मन मोह लेता है । सर्दियों के महीनों के दौरान पानी की पतली धाराओं के साथ गिरता है जो पूरी तरह से अदृश्य हो जाती है, इसकी सुंदरता मानसून के महीनों के दौरान और बढ जाती है । मानसून के महीने में कभी-कभी भारी धुंध पूरे घाटी को ढंक देती है
किनरेम फॉल्स ( kynrem falls)
किनरेम फाॅल्स पूर्वी खासी हिल्स जिले में चेरापूंजी से 12 किलोमीटर की दूरी पर थंगखरंग पार्क के अंदर स्थित है । यह भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है । किनरम फॉल्स एक तीन-स्तरीय झरना है, जिसमें पानी 305 मीटर की ऊंचाई से गिरता है । यह प्रकृति प्रेमीयों को अपनी ओर आकर्षित करता है |
क्रेम मौमलुह (krem mawmluh)
मौमलुह गुफा भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लंबी गुफाओं में से एक है क्योंकि यह लगभग 4500 मीटर तक फैली हुई है। स्थानीय रूप से क्रेम मौमलुह के नाम से जानी जाने वाली यह गुफा मेघालय में चेरापूंजी के पश्चिम में लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है खुशी की बात तो यह है कि IUGS ने मौमलुह गुफा को पहले 100 IUGS भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों में से एक के रूप में मान्यता दी है।
माव्समाई नोंगथिम्मई इको पार्क (mawsmai nongthymmai eco park)
माव्समाई नोंगथिम्मई इको पार्क चेरापूंजी के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है।चेरापूंजी से लगभग 3 किमी दूर यह मावसमाई नोंगथिम्मई इको पार्क स्थित है जो कि अद्भुत सेवन सिस्टर झरनों और बांग्लादेश के सिलहटी घास के मैदानों से घिरा हुआ है मनमोहक घाटियों और सुंदर झरनों का आनंद लेने के लिए पर्यटकों का आना लगा ही रहता है इको पार्क से मेघालय की भरी वादियाँ और बांग्लादेश के मनमोहक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं
नोहकलिकाइ जल प्रपात ( nohkalikai waterfall)
नोहकलिकाइ जल प्रपात मेघालय प्रदेश मे पूर्वी खासी हिल्स में चेरापूँजी के निकट स्थित एक जलप्रपात है। यह प्रपात भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है इस जल प्रपात की ऊँचाई 1100 फुट है। इस प्रपात के जल का स्रोत वर्षा है। अर्थात इसकी शोभा मौसम पर निर्भर करती है | इस झरने के 'नोहकलिकाइ ' नाम होने के पीछे दुखद घटना है
थंगखारंग पार्क ( thangkharang park)
थंगखारंग पार्क, यह चेरापूंजी से 12 किमी दूर स्थित है, शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह खोह रम्हा चट्टान के नजदीक है यह बांग्लादेश और किनरेम झरने का मनोरम दृश्य देखने का एक अच्छा स्थान है यहाँ की सर्पीली सड़कें आपको रोमांच का अनुभव कराती है